क्या ठीक होगा?
“काम करेंगे तो बदले मे क्या मिलेगा।”
ऊपर के कथनों में पहला कथन तहसीलदार बेस्टीयन का है जो आदिवासियों के गाँवों में जमकर चिल्ला-चिल्लाकर बोला था और दूसरा कथन आदिवासियों मे से किसी का है जो तहसीलदार से पूछना चाहा था। अब तुम सोचकर बताओ कि-
क) तुम्हारे विचार से बेस्टियन का कथन ठीक होगा?
ख) आदिवासियों में से किसी के द्वारा कहा गया वह कथन कैसा है? तुम्हारे से क्या ठीक होगा?
जब तहसीलदार बेस्टीयन ने आदिवासियों को जोर से कहा, दो दिन के अंदर संड़क बनाने का काम शुरू होगा। तुम सभी को इस काम पर पहुंचना है। अगर समय पर नहीं पहुंचे तो अच्छा नहीं होगा। अंग्रेज सरकार का हुक्म था तो इसे कौन काट सकता था। फिर किसी एक ने हिम्मत करके पूछा कि हमें इस काम के बदले क्या मिलेगा। इस सवाल पर बेस्टीयन का चेहरा गुस्से में लाल हो गया। वो बोला, मिलेगा क्या। बस हुक्म का पालन करना है। दोबारा ये सवाल मत पूछ लेना। आदिवासी सहम गए। चुपचाप काम पर जाने लगे। वे अपमान से अंदर ही अंदर घुट रहे थे लेकिन बेबस थे। कुछ कर नहीं सकते थे।